हरियाणा में पर्यटन का खास अंदाज देखने को मिलेगा और पर्यटक ग्रामीण पर्यटन का आनंद ले सकेंगे। पर्यटक महंगे होटलों की जगह ग्रामीण परिवेश में रह सकेंगे और हरियाणा के गांवों के खानपान को चख सकेंगे। राज्य सरकार ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गंभीर है।
प्रदेश सरकार का मानना है कि राज्य की संस्कृति और पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए होटल की बजाय विलेज टूरिज्म (ग्रामीण पर्यटन) अधिक कारगर है। इसके लिए राज्य सरकार ने होम स्टे पालिसी को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके तहत देश-विदेश के पर्यटक प्रमुख पर्यटन स्थलों का दौरा करने आएंगे तो उन्हें महंगे होटलों की बजाय सादे-ग्रामीण परिवेश में रहने का मौका मिलेगा। घर का बना परंपरागत भोजन मिलेगा और ग्रामीण परिवेश में रहते हुए वह यहां का कल्चर महसूस कर सकेंगे।
हरियाणा के पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर का मानना है कि लोग देसी अंदाज को ही ज्यादा पसंद करने लगे हैं। पर्यटकों का रुझान लोकल कल्चर व खानपान में ज्यादा रहता है। होटल में तो वह कहीं भी रह लेंगे, लेकिन उन्हें ग्रामीण परिवेश में रहकर वहां के परंपरागत रहन-सहन और भोजन का आनंद लेना अधिक पसंद आ रहा है। कंवरपाल गुर्जर के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने होम स्टे पालिसी को मंजूरी प्रदान कर दी है। सबसे पहले मोरनी की पहाड़ियों में यह पालिसी लागू की गई है, जहां अभी तक राज्य सरकार की ओर से 30 लाइसेंस प्रदान किए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल जब हिसार के राखीगढ़ी का दौरा करने गए थे, तब उन्होंने वहां होम स्टे पालिसी के तहत ग्रामीण टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए लाइसेंस देने की बात कही थी। इस दिशा में मुख्यमंत्री ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह राखीगढ़ी के आसपास के लोगों को विलेज टूरिज्म विकसित करने के लिए प्रेरित करें।
हरियाणा में आदिबद्री, लोहगढ़, कलेसर, बौद्ध स्तूप, अरावली का वन क्षेत्र, कुरुक्षेत्र, शिवालिक और सरस्वती नदी जैसे स्थलों को विकसित करने की बेहद संभावनाएं हैं। यहां पर विलेज टूरिज्म काफी विकसित हो सकता है। पर्यटकों के इन स्थानों पर रुकने के लिए संबंधित गांव में लोग दो कमरे के सेट के हट बनाएंगे।
हरियाणा सरकार की योजना ग्रामीणों को पर्यटकों से बातचीत करने के तरीके, दर्शनीय स्थलों के बारे में अच्छे से जानकारी देने के तरीके व देसी खाने के साथ दूसरे भोजन के बारे में प्रशिक्षित करने की है। पर्यटक स्थलों के अलावा ग्रामीण पर्यटकों को पशुपालन के तरीके, सीजन के हिसाब से संबंधित क्षेत्रों में होने वाली फसलों के बारे में व ग्रामीण जीवन के बारे में भी जानकारी देने की योजना है। इससे ग्रामीणों की आमदनी तो बढ़ेगी ही, साथ ही पर्यटकों को घर से दूर रहकर भी दूरी का अनुभव नहीं होगा।
मुख्यमंत्री कार्यालय में टूरिज्म का काम देख रहे सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव डा. अमित अग्रवाल के अनुसार हरियाणा सरकार ने स्टे-होम पालिसी को इसलिए मंजूरी दी है, ताकि विशेष महत्व वाले स्थानों पर पर्यटकों को लोग अपने-घर पर ही स्टे करवा सकें। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और वहीं पर्यटक ग्रामीण जीवन शैली व खानपान का आंनद ले सकेंगे। सिंधुघाटी सभ्यता का स्थल रहे हिसार जिले के राखीगढ़ी में भी स्टे-होम पालिसी के तहत लाइसेंस देने की प्रक्रिया में जल्दी तेजी लाई जाएगी।
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