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हरियाणा के कस्बे की बेटी बनीं IAS अफसर, जानें IAS अंकिता चौधरी की ये सफलता की कहानी

हाल में एस्पिरेंट (Aspirant) नाम की एक वेबसीरीज आई थी, जिसमें यूपीएससी (UPSC) की तैयारी कर रहे तीन दोस्तों की कहानी दिखाई गई है. इस मौके पर हम आपको कुछ ऐसे ही लोगों की स्टोरी बता रहे हैं, जिन्होंने कई मुश्किलों का सामना कर यूपीएससी पास किया.

हरियाणा के रोहतक जिले के एक कस्बे की रहने वाली अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) की शुरुआती पढ़ाई रोहतक के इंडस पब्लिक स्कूल से हुई12वीं के बाद अंकिता ने दिल्ली के हिंदू कॉलेज में एडमिशन लिया और केमेस्ट्री में ग्रेजुएशन किया. ग्रेजुएशन के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी एग्जाम देने का मन बना लिया था और फिर पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन लेने के बाद यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं.



अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) ने जब तक पोस्ट ग्रेजुएशन कंप्लीट नहीं हो गई तब तक यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा नहीं दी. मास्टर डिग्री कंप्लीट होने के बाद वह पूरी तरह यूपीएससी की तैयारी में लग गईं.

अंकिता की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई रोहतक के ही इंडस पब्लिक स्कूल से हुई. इसके बाद ग्रेजुएशन करने के लिए उन्होंने दिल्ली का रुख किया.

यहां के हिंदू कॉलेज से उन्होंने बीएससी की डिग्री हासिल की और फिर दिल्ली आईआईटी से ही एमएससी यानी पोस्ट ग्रेजुएशन किया. अंकिता काफी पहले से सिविल सर्विसेस के क्षेत्र में आना चाहती थीं इसलिए उन्होंने अपनी पढ़ाई इस बात को केंद्र में रखकर की.



यूपीएससी की तैयारी के दौरान ही अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) की मां की मौत एक रोड एक्सीडेंट में हो गई. मां की मौत का सदमा अंकिता को काफी लगा था और वह टूट गई थीं.

अंकिता की मां जेबीटी स्कूल में शिक्षिका के पद पर थी पर कुछ साल पहले एक सड़क हादसे में उनका देहांत हो गया था. अपनी सफलता का श्रेय अंकिता अपने परिवार को देती हैं जिन्होंने हमेशा उनका साथ दिया और एक छोटी जगह से होने के बावजूद कभी लड़की-लड़के में भेद नहीं किया.

पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में अंकिता का चयन नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने दोबारा कोशिश की और इस बार पिछली गलतियों से सीखते हुए उन सब कमियों को दूर किया जो पिछली बार रह गई थीं. अपने दूसरे प्रयास के दौरान उन्होंने वो सब ऐप हटा दिया जो उन्हें पढ़ाई में डिस्टर्ब करते थे.

अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) को उनके पिता ने संभाला और हौसला दिया. अंकिता के पिता सत्यवान रोहतक की चीनी मिल में अकाउंटेंट के पद पर तैनात हैं और पिता से मिली प्रेरणा ने ही अंकिता को आईएएस बनने में काफी मदद की. इसके बाद वह पूरी लगन और मेहनत के साथ यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं.

अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) ने जब साल 2017 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी तो वे फेल हो गईं. इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी कमियों का एनालिसिस कर दूसरे प्रयास के लिए सुधारकर बेहतर तरीके से तैयारी की.

अंकिता चौधरी (Ankita Chaudhary) ने साल 2018 में दूसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी. दूसरी बार उनकी रणनीति इतनी प्रभावी थी कि उन्होंने ऑल इंडिया में 14वीं रैंक हासिल की और आईएएस अफसर बन गईं.

Anila Bansal

I am the captain of this ship. From a serene sunset in Aravali to a loud noisy road in mega markets, I've seen it all. If someone asks me about Haryana I say "it's more than a city". I have a vision for my city "my Haryana" and I want people to cherish what Haryana got. From a sprouting talent to a voice unheard I believe in giving opportunities and that I believe makes a leader of par excellence.

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