देश में एक ऐसा अनोखा गांव है, जहां बीमारियों को भगाने के लिए लोग एक रिवाज निभाते हैं और वो भी पूरे 7 दिन तक। ये है हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का पैतृक गांव निंदाना। रोहतक जिले में बसे इस गांव में हर साल के आखिरी दिनों में साप्ताहिक शुद्धिकरण अभियान चलाया जाता है। नए साल के पहले दिन हवन करके इसका समापन किया जाता है।
इस अभियान के तहत ग्रामीणों, पशुओं, पेड़ों व फसलों की बीमारियों को भगाने के लिए सुबह और शाम शुद्धिकरण के लिए 80 बच्चों की टोली निकलती है। पूरे गांव में गूगल व हवन सामग्री की धूनी हर घर से लेकर मंदिर, स्कूलों और यहां तक की पेड़ों में भी दी जाती है।
छोटे बच्चे अलसुबह 4 बजे उठकर गांव के सदियों पुराने दादा दीया आला मंदिर के कुंड से अग्नि लेकर धूनी करते हुए गांव के हर घर व हर इमारत की परिक्रमा करते हैं। नववर्ष के पहले दिन इस वायु शुद्धिकरण अभियान का समापन कर दिया जाता है।
दादा दीया आला मंदिर के पंडित दिनेश पुजारी कहते हैं कि जिस बच्चे के हाथ में धूनी का कुंड रहता है वह बोल नहीं सकता, इसलिए उसके साथ एक अन्य बच्चे को सामग्री देकर भेजा जाता है, जो उसकी अगुवाई करे। ग्रामीणों का मानना है कि धूनी से कीटाणु मर जाते हैं, जिससे बीमारियां नहीं रहती। हालांकि गांव में कभी कोई बड़ी महामारी नहीं फैली है।
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