पराली के प्रदूषण से निपटने में संगरूर सांस की पीड़ित एक लड़की बनी मिसाल

दिवाली के दिन से गैस चेंबर में तब्दील दिल्ली-एनसीआर की मुश्किल हरियाणा-पंजाब की पराली ने और बढ़ा दी है। केंद्र सरकार की अडवाइजरी के बावजूद किसान पराली फूंकने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार को हेल्थ इमेरजेंसी लागू करनी पड़ी है। इस बीच पहले की तरह एक बार फिर पंजाब सरकार और केंद्र के बीच राजनीतिक वाद-विवाद छिड़ गया है। ऐसे में संगरूर (पंजाब) की सत्रह वर्षीय अमनदीप कौर का एक्सपेरिमेंट पराली जलने वाले किसानों को नई राह दिखा रहा है।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पराली जलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए माना है कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की मुख्य वजह पराली जलाना है। हालांकि उसने यह भी दावा किया है कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में 2016-18 के बीच पराली जलाने में 41 फीसदी तक कमी आई है। पर्यावरण मंत्रालय ने कहा है कि पराली जलाने से रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इस पूरे मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते सुनवाई करेगा।

अमनदीप कौर के पिता के पास संगरूर में कुल बीस एकड़ जमीन है। इसके साथ ही, वह 25 एकड़ जमीन किराए पर लेकर खेती करते हैं। अमनदीप कौर को बचपन में, जब वह मात्र छह साल की थीं, तभी से सांस की बीमारी रही है। धान की कटाई के बाद पराली जलाने से उन्हे सांस लेने में और ज्यादा दिक्कत होने लगती थी। राहत के लिए उन्होंने अपने पिता को इस बात के लिए सहमत कर लिया कि वह पराली नहीं जलाएंगे।

खेत में फसल के अवशेषों के निपटारे के लिए अब वह बीज बोने वाली मशीन का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने बेटी के कहने के बाद से पराली जलाना बंद कर दिया। अमनदीप आगे बताती हैं कि वह जैसे-जैसे बड़ी होती गईं, उन्हे पराली जलाने से सेहत के नुकसान की बात समझ में आने लगी थी। उन्होंने कृषि विज्ञान में ग्रैजुएशन किया है। जब बीज बोने वाली मशीन का इस्तेमाल होने लगा, उन्होंने खुद ट्रैक्टर चलाना भी सीख लिया। अब वही खेत की जुताई करती हैं। पराली न जलाने से खेतों की उर्वरता भी बढ़ गई है। उनके खेतों में 60 से 70 पर्सेंट कम खाद का इस्तेमाल हो रहा है।

अमनदीप कौर की कोशिशों जहां एक ओर पराली की खाद ने खेतों को खुशहाल किया है, उनकी देखादेखी उनके और आसपास के गांवों के किसान भी पराली जलाना बंद करने लगे हैं। इससे उनकी भी उपज में इजाफा हुआ है

सरपंच गुरतेज सिंह बताते हैं कि पिछले दो सालों से अमनदीप खेत की जुताई कर रही है। उससे प्रेरित होकर गांव के 80 पर्सेंट किसानों ने पराली जलाना बंद कर दिया है। उधऱ, पराली के प्रदूषण से त्रस्त दिल्ली की सरकार ने गंभीर हालात के लिए हरियाणा और पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। पंजाब में इस साल 23 सितंबर से 27 अक्टूबर के बीच धान की पराली जलाने के 12,027 मामले दर्ज हो चुके हैं।

ये आकड़े पिछले साल के पराली जलाने की घटनाओं के मुकाबले 2,427 ज्यादा है। हालांकि हरियाणा में भी पराली जलाने की घटनाओं में कमी नहीं आई है। पराली की मुश्किलों पर काबू पाने के लिए पंजाब सरकार ने राज्य के सभी जिलों में एक-एक आईएएस अधिकारी नोडल अफसर के रूप में तैनात किए हैं। पराली जलाने वाले किसानों पर जुर्माने लगाए जा रहे हैं।

Anila Bansal

I am the captain of this ship. From a serene sunset in Aravali to a loud noisy road in mega markets, I've seen it all. If someone asks me about Haryana I say "it's more than a city". I have a vision for my city "my Haryana" and I want people to cherish what Haryana got. From a sprouting talent to a voice unheard I believe in giving opportunities and that I believe makes a leader of par excellence.

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