हरियाणा की बेटियां आज देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपने नाम का झंडा फहरा रही है। आज के समय में बेटियां इतनी काबिल हो गई है कि, उन्हें किसी के सहारे की जरूरत ही नहीं है। एक ऐसी ही बेटी है निशा सहारण जिन्होंने अपनी काबिलियत का परिणाम दिया है।
बता दें कि निशा सहारण हरियाणा के सिरसा जिले के छोटे से गांव राजपुरा साहनी की बेटी हैं। दरअसल गांव वालों ने उनकी काबिलियत देखकर गांव के सरपंच पद की कमान उनके हाथों में सौप दी। फिलहाल निशा सहारण इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी से बीए कर रहीं हैं, जिसमे वह तृतीय वर्ष की छात्रा है।
अपनी बीए पूरी करने के बाद उनका सपना है कि वह यूपीएससी की परीक्षा पास करें और आईएएस बने। लेकिन इसी दौरान गांव वालों ने उनकी काबिलियत को देखकर उन्हें सरपंच बना दिया। जानकारी के लिए बता दें कि निशा सहारण नाथूसरी चौपटा खंड में पहेली ऐसी लड़की है जो महिलाओं में सबसे छोटी उम्र में सरपंच बनी है। उनकी उम्र मात्र 21 साल की हैं।
आपकी जानकारी के लिए इस बार राजपुरा साहनी गांव में सरपंच का पद महिलाओं के लिए आरक्षित था।इसी दौरान चुनाव के लिए गांव में से 2 महिलाओं ने नामांकन किए थे। जिसमें से एक निशा सहारण थी,और दूसरी तरफ सुमन थी। जो रिश्ते में उनकी भाभी लगती है।
लेकिन गांव वाले शुरू से ही निशा की काबिलियत को देखकर उन्हें ही सरपंच बनाना चाहते थे। गांव वालों के कहने पर सुमन ने अपना समर्थन निशा को दे दिया। और चुनाव में उन्हें जीत दिलवाकर अपने भाभी होने का फर्ज निभाया।
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