पिता की डांट से मिली कामयाबी आपको बता दे अंबाला के रहने वाले गगन जी आई में ट्रेनिंग लेकर आर्मी ऑफिसर सेलेक्ट हुए हैं इंस्ट्रक्टर कोई और नहीं बल्कि उनके ही पिता सूबेदार मेजर गुरदेव सिंह थे।
आपको बता दे गगन जोत की कहानी देशभर में लाखों लोगों के लिए प्रोत्साहन का केंद्र बनी हैl उनके दादा रिटायर सूबेदार अजीत सिंह 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान से आए थे l पोते की सफलता पर भावुक होकर अजीत सिंह ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनका पोता परिवार में पहला आर्मी ऑफिसर बन गया है। उन्होंने बताया कि गगन जोत का छोटा भाई 22 वर्षीय जशन जोत सिंह भी सेवा में सिपाही है।
बेटे की कामयाबी पर घर महसूस करते हुए पिता गुरदेव सिंह ने कहा की सेवा में बेटा लेफ्टिनेंट बन गया है इसकी उन्हें अपार खुशी है गगनजीत सिंह को सेवा में भर्ती होने की प्रेरणा उनके पिता और दादा से मेरी गगन के दादा अजीत सिंह बेटर सी से सूबेदार रिटायर हुए थे।
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