हरियाणा के इस जिले में है हनुमान जी का पुराना चमत्कारी मंदिर, जाने अनोखा इतिहास

हिंदू धर्म में मंदिरों का विशेष स्थान है. वही, कुछ ऐसे मंदिर भी होते हैं जिनको और भी विशेष स्थान दिया जाता है. जिन मंदिरों की कुछ मान्यताएं हैं, जिनका रोचक इतिहास रहा हो, उनमें से ही एक है रेवाड़ी जिले का प्राचीन हनुमान मंदिर. इस मंदिर की मूर्ति के पैर के अंगूठे पर श्रद्धालु भोग लगाते हैं. बता दे इस प्राचीन मंदिर का अपना एक अनोखा इतिहास रहा है, अपनी अलग मान्यताएं रही हैं. यह रेवाड़ी शहर के बड़ा तालाब के पास स्थित है जो प्राचीन मंदिरों में से एक है. इस मंदिर में लोगों की आस्था इतनी है कि हर मंगलवार को यहां मेले जैसा नजारा होता है, दूर-दूर से भक्त यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं.

इस मंदिर के पुजारी ने बताया कि करीब 250 वर्ष पहले हनुमान जी की इस मूर्ति को जयपुर से दिल्ली ले जाया जा रहा था. कुछ समय रेवाड़ी में मूर्ति को ले जाने वाले लोगों ने विश्राम किया. जिसके बाद, जिस बैलगाड़ी में मूर्ति को ले जाया जा रहा था उसमें कई बैल जोड़ने के बावजूद भी बैलगाड़ी आगे नहीं बढ़ पाई. इसके बाद, लोगों ने निष्कर्ष निकाला कि शायद भगवान यही स्थापित होना चाहते हैं. इस मंदिर के पीछे एक ऐतिहासिक सरोवर भी है, इसलिए इस मंदिर को बड़ा तालाब हनुमान जी के मंदिर के नाम से जाना जाता है.

पुजारी सतीश वैष्णव ने बताया कि इस मूर्ति में रामायण के महत्वपूर्ण भाग को दर्शाया गया है. जिसमें हनुमान जी के कंधों पर राम लक्ष्मण, हाथ में पहाड़ और पैरों में पाताल भैरवी को दर्शाया गया है. इस मंदिर में बाबा हनुमान जी की एक छोटी सी मूर्ति स्थापित की हुई है, जिसपर भक्तों की ओर से चमेली का तेल और सिंदूर चढ़ावे में चढ़ाया जाता है. इसके अलावा, मंदिर की कई ऐतिहासिक कहानियां हैं जिन्हें पुजारी आसान भाषा में बयां करते हैं.

मंदिर के पुजारी सतीश वैष्णव का कहना है कि इस मंदिर में दूर- दूर से हजारों श्रद्धालु आते हैं. शुक्ल पक्ष के प्रत्येक मंगलवार को मंदिर में मेले जैसा दृश्य रहता है. भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर मंदिर में आते हैं और मूर्ति के चरणों के अंगूठे पर भोग लगाकर नया काम शुरू करते हैं. नई नौकरी हो या नई गाड़ी या फिर किसी का जन्मदिन हर कोई बाबा के चरणों में जरूर आता है.

इस मंदिर में सिर्फ आसपास के ही नहीं बल्कि दूर- दूर तक के भक्त आते हैं. एक तरफ जहां राजस्थान से भी काफी संख्या में भक्त आते हैं तो वहीं, दूसरी तरफ हरियाणा के कई जिलों से श्रद्धालु लगातार आते रहते हैं. मंगलवार के दिन यहां मेले जैसा नजारा देखने को मिलता है, जहां पर हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहते हैं.

Anila Bansal

I am the captain of this ship. From a serene sunset in Aravali to a loud noisy road in mega markets, I've seen it all. If someone asks me about Haryana I say "it's more than a city". I have a vision for my city "my Haryana" and I want people to cherish what Haryana got. From a sprouting talent to a voice unheard I believe in giving opportunities and that I believe makes a leader of par excellence.

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