हरियाणा सरकार ने ड्यूटी के दौरान मरने वाले सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए सोमवार को एक संशोधित नीति अधिसूचित की. इस नीति को कैबिनेट ने 4 अगस्त को मंजूरी दे दी थी. पहले की नीति केवल उन कर्मियों के आश्रितों को नौकरी प्रदान करती थी जिन्होंने सीमा पर झड़पों, आतंकवादी हमलों या दंगों में अपनी जान गंवाई थी और जिन्हें रक्षा मंत्रालय या केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा औपचारिक रूप से शहीद घोषित किया गया था.
संशोधित नीति में युद्ध, आईईडी विस्फोट, आतंकवादी या उग्रवादी हमले, सीमा पर झड़प यहां तक कि ड्यूटी के दौरान दुर्घटना, दिल का दौरा, हवाई दुर्घटना में जान गंवाने वाले जवानों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति देने का प्रावधान किया गया है. हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि आज से लागू की गई संशोधित नीति, युद्ध हताहत के परिवार के पात्र सदस्यों में से एक को हरियाणा सरकार में ग्रुप बी, सी या डी पद पर नियुक्त होने का अवसर प्रदान करेगी.
गौरतलब है कि अनुकंपा नौकरी केवल उन्हीं लोगों को दी जाएगी जो हरियाणा के निवासी हैं और ड्यूटी के दौरान शहीद हुए हैं. इसके अलावा, शहीदों के परिजनों को भारत सरकार के संबंधित विभाग से मिलने वाला लाभ भी मिलता रहेगा. संशोधित अनुकंपा नियुक्ति नीति के तहत, यह नौकरी युद्ध में शहीद हुए सैनिक के बच्चों में से एक को दी जाएगी.
इसमें कानूनी तौर पर गोद लिए गए बच्चे भी नौकरी के हकदार होंगे, बशर्ते गोद लिया गया बच्चा सैनिक के जीवित रहते हुए लिया गया हो. इसके अलावा, अगर कोई अविवाहित सैनिक शहीद होता है तो उसके माता- पिता की सहमति के आधार पर उसके भाई- बहन में से किसी एक को नौकरी दी जा सकती है.
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