बरसात के मौसम में इस बार खूब पानी बरसा है। जिसकी वजह से हर जगह जलभराव हो गया। सर्दियों से पहले हुई इस बेमौसमी बारिश ने खेतों को भी पूरी तरह से तर कर दिया। इसका असर ये हुआ कि किसानों की फसलें पानी में बह गई। गोभी का तो सिर्फ बीज ही डाला था। वहीं दूसरी खड़ी फसलें भी ढह गईं। इसका सीधा असर हमारी रसोई तक पहुंचा है। सब्जियों का उत्पादन कम होने से इसकी कीमतें भी बढ़ गई हैं।
हालात ये हैं कि तीन महीने पहले दस रुपये प्रति किलो बिकने वाला टमाटर फुटकर में 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। आढ़तियों और सब्जी विक्रेताओं को उम्मीद है कि दिवाली के बाद दाम कुछ कम होने लगेंगे।
हरी सब्जियों के दाम में भी लगातार उछाल आ रहे हैं। तुरई, लौकी 40 रुपये, गोभी 60 रुपये, गाजर 40 रुपये किलो बिक रहे हैं। सब्जियां के रेट बढ़ने के दौरान दाल सस्ती होती थी, लेकिन इस बार दाल के भाव भी नहीं टूट रहे।
वहीं महिलाओं का कहना है कि सब्जियों के दाम बढ़ने से घर का बजट भी बिगड़ गया है। प्याज का भाव भी 70 रुपये किलो तक पहुंच गया। नवरात्र में प्याज की खपत कम होती थी। नवरात्र के खत्म होते ही प्याज के रेट बढ़ गए।
पेट्रोल-डीजल का भी पड़ा असर
मंडी आढ़ती प्रवीण ने बताया कि पेट्रोल–डीजल के रेट बढ़ने से किसानों को मंडी में सब्जी लाना महंगा पड़ रहा है। बेमौसमी बारिश के कारण पिछले महीने सब्जी की फसल भी खराब हो गई। जिसके कारण कोई भी सब्जी 40 रुपये किलो से कम नहीं है।
राजस्थान से आएंगी सब्जियां
आढ़ती बलवान ने बताया कि दिवाली के बाद राजस्थान से सब्जी की फसल आती है। वहां से खबरें आ रही हैं कि फसल अभी ठीक है। जैसे ही आवक होगी, उसी समय रेट कम होने लगेंगे। हालांकि हालात में सुधार में समय लगेगा।
लोकल सब्जी को आने में दो महीने लगेंगे
लोकल सब्जी को आने में दो महीने लग जाएंगे। यमुना क्षेत्र में जो सब्जी उगाई जा रही थी, वो भी बारिश के कारण खराब हो गई। अब दोबारा से किसानों ने बीज डाले हैं। आशा है कि दो महीने में हालात सुधर सकेंगे। इस समय उत्तर प्रदेश के कैराना, कांधला व अन्य स्थानों से सब्जियां आ रही हैं।
थोक और रिटेल में भाव
सब्जी थोक रिटेल
टमाटर 60 80
प्याज 45 60
गोभी 60 80
मेथी 50 70
पेठा 40 60
आलू 24 35
बैंगन 40 50-55
घीया 40 50-55
धनिया 80 100