आप सब दिवाली के महत्त्व के बारे में तो जानते ही होंगे लेकिन क्या आप नरक चतुर्दशी के बारे में जानते है?
छोटी दीपावली के दिन ही नर्क चतुर्दशी का दिन भी होता है। इस दिन घर के बाहर 1 दीपक लगाना चाहिए जिस से घर में बरकत होती है, शांति होती है और साथ ही सारे पाप खतम हो जाते है। इस दिन दीपक जलाने से नरक लोक से रक्षा होती है।
नरक चतुर्दशी से एक कथा भी जुड़ी है कुछ इस प्रकार है।
एक प्रचलित कथा के अनुसार रति देव नामक एक धर्मात्मा हुआ करते थे। इन राजा ने आपने पूरे जीवन में एक भी पाप नही किया था और फिर भी इन्हे नरक में जगह मिली। जिसके कारण ये बहुत दुखी हो गए। उन्होंने नरक लोक में यमदूत से पूछा, मेने तो पूरे जीवन में पाप नही करा, सदेव धर्म की राह पर चलता रहा लेकिन फिर भी नरक में जगह क्यो मिली?
यमदूत ने कहा, तुमने अपने महल से एक ब्राह्मण को भूखे पेट वापस लौटा दिया था।
ये बात सुन कर रति देव को बहुत दुख हुआ और उन्होंने अपनी गलती सुधारने के लिए एक साल का वक्त मांगा। उन्हे एक साल का वक्त मिला और वह वापस धरती पर लौट गए।
राजा इस गलती का समाधान ढूंढने के लिए ऋषियों के पास पहुंचे। तब ऋषियों ने उन्हें कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का व्रत रखने को कहा, इस दिन एक दीपक जलाने की सलाह दी और ब्राह्मणों को भोजन कराने को कहा। ऋषियों की बात को मानते हुए राजा ने कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का व्रत किया और ब्राह्मणों की सेवा की। वहीं एक साल बाद यमदूत राजा को फिर लेने आए, इस बार उन्हें नरक के बजाय स्वर्ग लोक ले गए।
तभी से कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष को दीप जलाने की परंपरा शुरू हुई। ताकि भूल से हुए पाप को भगवान माफ कर दें। इसलिए आप भी छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी पर घर के आंगन में दीपक जलाएं। ये दीपक घर का सबसे बड़ा सदस्य ही जलाएं। जबकि एक दीपक घर से थोड़ा दूर जलाएं। दीपक जलाते समय इस बात का ध्यान रखें कि घर के दूसरे सदस्य घर के अंदर ही रहें और इस दीपक को न देखें।
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