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हरियाणा: बेरोजगारों की जिंदगी बदल देगी यह सरकारी योजना, 90 प्रतिशत मिलेगी सब्सिडी

हरियाणा में गाय की देसी नस्ल (हरियाणा एवं साहीवाल) को बढ़ावा देने के लिए दुग्ध प्रतियोगिता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। यह आयोजन ग्राम स्तर पर किया जाता है जिसमें पशुपालकों को प्रोत्साहन राशि भी वितरित की जाती है। इसके अलावा इन नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतू मिनी डेयरी योजना के तहत पशुपालकों को तीन या पांच दुधारू गायों की खरीद पर सरकार द्वारा 50 प्रतिशत अनुदान राशि भी दी जाएगी।

हरियाणा पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा प्रदेश की प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता में बढ़ोत्तरी करने तथा डेयरी व्यवसाय से बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगारपरक बनाने के उद्देश्य से दुग्ध एवं डेयरी से संबंधित कई नई योजनाएं चलाई जा रही हैं।

भेड़ या बकरियों की डेयरी करने वाले व्यक्तियों को 90 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। डेयरी पालन का व्यवसाय करने के इच्छुक व्यक्तियों को सरल पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।

इस योजना का उद्देश्य शहरी/ ग्रामीण शिक्षित बेरोजगार युवक/ युवतियों को बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराकर स्वरोजगार उपलब्ध करवाना है। इसके अलावा आर्थिक रूप से पिछड़े गरीब परिवारों के लिए भी स्वरोजगार उपलब्ध करवाना है। इस योजना के तहत लाभार्थी को 25 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है।

विभाग द्वारा 4 व 10 दुधारू पशुओं (भैंस, गाय) की डेयरी स्थापित करने वाले व्यक्तियों को 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। इसी प्रकार 20 व 50 दुधारू पशुओं की डेयरी पर ब्याज की सब्सिडी देने का प्रावधान दिया गया है।

आपको बता दें कि अनुसूचित जाति वर्ग के परिवारों को 20 भेड़/बकरी व एक नर खरीदने के लिए एक लाख रूपए का ऋण 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाया जाता है। इसके अलावा तीन दुधारू पशुओं की ईकाई भी स्थापित करवाई जाती है जिस पर लाभार्थी को 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है।

वहीं अनुसूचित जाति के बरोजगार युवकों को सुअर पालन हेतू राशि 50,000/- रूपए का ऋण 50 प्रतिशत अनुदान पर बैकों से दिलवाया जाता है।

डीसी नरेश नरवाल ने बताया कि विभाग द्वारा हाईटेक मिनी डेयरी योजना के तहत सामान्य वर्ग के पशुपालक 4, 10, 20 तथा 50 दुधारू पशुओं की डेयरी लगा सकते हैं। विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

डेयरी पालन का व्यवसाय शुरू करने के लिए इच्छुक व्यक्तियों को सरल पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण करते समय परिवार पहचान-पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, कैंसल चैक तथा बैंक की एनओसी अपलोड करनी होगी।

पशु खरीदने के साथ साथ उनका आहार भी अच्छा होना चाहिए। पशु आहार आदेश 1999 के तहत पशु आहार के निर्माताओं व विक्रेताओं का पंजीकरण करवाना आवश्यक है और पशु आहार की गुणवत्ता को चैक करने के लिए विभाग की टीम द्वारा समय-समय पर सैम्पल लिए जाते हैं ताकि पशुपालकों को शुद्ध पशु आहार उपलब्ध करवाया जा सके।

Rajni Thakur

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