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हरियाणा: डॉक्टर बनने का था सपना लेकिन जिंदगी में आया ऐसा मोड़ कि बन गईं IAS, जानें सफलता की पूरी कहानी

हम चाहे कितनी भी कोशिश कर लें लेकिन होता वही है जो किस्मत में लिखा हो। यूपीएससी में भी सफलता की सैंकड़ों कहानियां है जो लोगों को प्रेरित करती है। एक ऐसी ही कहानी है हरियाणा की बेटी अक्षिता की। जिन्होंने सपना तो देखा था डॉक्टर बनने का लेकिन बाद में किस्मत ने ऐसा मोड़ लिया कि यूपीएससी पास कर IAS अधिकारी बन गई। अपने पहले ही प्रयास में डॉ. अक्षिता गुप्ता ने बड़ी उपलब्धि हासिल की। यूपीएससी में पहली ही बार में 69वां रैंक हासिल कर परिवार का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।

14 अक्तूबर 1998 में जन्मी अक्षिता ने अपनी 10वीं की परीक्षा स्वामी विवेकानंद पब्लिक स्कूल जगाधरी से और गर्वनमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर-33, चंडीगढ़ से मेडिकल से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। अक्षिता के माता-पिता पवन गुप्ता व मीना गुप्ता कस्बे के शिक्षक हैं। बिना कोई खास कोचिंग के अक्षिता पढ़ाई के साथ-साथ नीट की तैयारी में भी जुटी रही।

2015 में ऑल इंडिया रैकिंग में अक्षिता ने 27वां स्थान पाकर अपने डाॅक्टर बनने के सपने को साकार करने के लिए पहला कदम बढ़ाया। उन्हें चंडीगढ़ के ही सेक्टर-32 के जीएमसीएच में MBBS की पढ़ाई करने का मौका मिला।

अक्षिता के पिता प्रिंसीपल पवन गुप्ता ने बताया कि शैक्षणिक कामों के लिए वह अक्सर कई IAS अधिकारियों से मिलते रहते थे और वह उनसे बहुत प्रभावित होते थे। जब इन मिटिंग बारे वह घर में बात करते थे तो अक्षिता भी इससे बहुत प्रभावित होती थी और अक्षिता को भी कुछ आईएएस अधिकारियों से मिलने का मौका मिला जिनसे उसे बहुत प्रेरणा मिली।

मार्च-2021 में अपनी मेडिकल इंटरशिप पूरी करने के दौरान देश में महामारी का प्रकोप था और तब यूपीएससी की परीक्षा टाल दी गई और यही वो समय था जो अक्षिता के लिए वरदान साबित हुआ।

महामारी के दौरान अक्षिता ने यूपीएससी की परीक्षा देने का मन बनाया और अपने दम पर ही मेडिकल साइंस से यूपीएससी की तैयारी करने लगी। अक्षिता ने पहली बार में ही अपनी मेहनत के दम पर 69वां स्थान पाकर खुद के व अपने माता-पिता के सपने को साकार करके दिखाया है ।

बता दें कि अक्षिता के माता-पिता के अलावा उनके दादा रामचंद्र गुप्ता व दादी ज्ञानवती गुप्ता भी शिक्षक रह चुके हैं। IIT, Mumbai से इंजिनियरिंग की पढ़ाई कर रहे अक्षिता के भाई शिशिज गुप्ता भी अपनी बहन की सफलता पर फुले नहीं समा रहे।

अपनी बेटी की सफलता पर पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने 12वीं की परीक्षा सरकारी स्कूल से की है, जो लोग बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने से कतराते हैं अक्षिता उनके लिए एक रोल मॉडल बन चुकी हैं।

अक्षिता ने युवाओं से कहा कि अपनी पढ़ाई को लेकर एक्स्ट्रा टेंशन नहीं लेनी चाहिए और पढ़ाई को अपना दोस्त मानकर कर ही तैयारी करनी चाहिए। अक्षिता का कहना है कि युवाओं को सारा दिन सोशल मीडिया पर व्यस्त रहने की बजाए अपने स्वर्णिम समय का सदुपयोग करना चाहिए। कोई भी काम मुश्किल नही होता बस दिल से करना चाहिए सफलता खुद आपके कदम चूमेगी।

Rajni Thakur

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