हरियाणा के इस दुर्लभ मंदिर में बिना नंदी के विराजमान है महादेव, टल जाती है लोगों की अकाल मृत्यु

हरियाणा के एक से बढ़कर एक अनोखे और प्राचीन मंदिर देखने को मिलेंगे। हर मंदिर का अपना इतिहास होता है, सबकी अपनी अलग-अलग मान्यताएं होती है। वहीं बात अगर महादेव (Kaleshwar Mahadev Temple, Kurukshetra) के मंदिर की करें तो चाहे मंदिर बड़ा हो या छोटा, हर जगह उनके साथ नंदी महाराज (Kaleshwar Mahadev Temple is the most unique temple in the world) जरूर होते हैं। लेकिन आज हम आपको दुनिया के एक ऐसे अनोखे मंदिर (Unique Temple in Haryana) के बारे में बताइए बताएंगे जहां भोलेनाथ बिना नंदी के स्थापित हैं।

हरियाणा की धर्मनगरी कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) में मौजूद कालेश्वर महादेव मंदिर दुनिया का सबसे अनोखा मंदिर है। इस मंदिर में महादेव (Lord Shiva) बिना नंदी (Nandi) के विराजमान हैं। देश भर से श्रद्धालु इस अनोखे मंदिर के दर्शन करने आते हैं।

किदवंत कथाओं की मानें तो एक बार आकाश मार्ग से गुजर रहे लंकापति रावण (Lankapati Ravana) का पुष्पक विमान कालेश्वर महादेव मंदिर के ऊपर आते ही डगमगाने लगा था। इसके बाद उन्होंने यहीं बैठकर महादेव की तपस्या करनी शुरू कर दी थी।

तपस्या से प्रसन्न होकर भोलेनाथ ने रावण को दर्शन दिए और उन्होंने रावण से इच्छा पूछी। तब रावण ने भगवान शिव से काल पर विजय का वरदान मांगा। लेकिन इससे पहले रावण ने भगवान शिव से प्रार्थना की कि इस मनोकामना का साक्षी कोई तीसरा न हो।

कहा जाता है कि इस दौरान भगवान शिव ने नंदी महाराज को अपने से दूर किया था। इसके बाद से यहां मौजूद शिवलिंग बिना नंदी महाराज के ही स्थापित हैं।

टल जाती है अकाल मृत्यु

एक श्रद्धालु ने कहा कि यह मंदिर देश दुनिया में सबसे अनोखा है और इसी के कारण यह धार्मिक आस्था का केंद्र बना हुआ है। दूर-दूर से लोग इस मंदिर (premature death is averted) के दर्शन करने आते हैं। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु शनिवार और सोमवार को शिवलिंग (Shivalinga) पर जल अर्पित करता है तो उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती।

यही वह स्थान है जहां पर भगवान शिव ने रावण को काल पर विजयी होने का वरदान दिया था। इसलिए इस मंदिर का नाम कालेश्वर महादेव मंदिर है। लोगों का कहना है कि भगवान शिव की आराधना से आने वाले काल को भी बदला जा सकता है।

देश के दुर्लभ मंदिरों में है विशेष स्थान

श्रीब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के अध्यक्ष श्याम सुंदर तिवारी ने बताया कि प्राचीन श्रीकालेश्वर महादेव मंदिर देशभर के दुर्लभ मंदिरों में अपना विशेष स्थान रखता है। यह पूरी दुनिया में एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान शिव बिना नंदी महाराज के स्थापित हैं। रावण को काल पर विजय का वरदान भी भगवान शिव ने यहीं दिया था।

प्राचीन घाट पर मौजूद है मंदिर

उन्होंने आगे कहा कि शनिवार और सोमवार को यहां जल अर्पित करने वाले की अकाल मृत्यु नहीं होती। मंदिर कालेश्वर तीर्थ के किनारे है जहां पर स्नान करने के लिए तालाब भी है। इसमें सरस्वती नदी का पानी आता था और लोग स्नान करते थे। यहां पर एक प्राचीन घाट भी मौजूद है।

Rajni Thakur

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