आदमपुर उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस
छोड़कर आए पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई के बेटे और
पूर्व सीएम भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई को टिकट दे
दिया है। भव्य बिश्नोई पहली बार विधानसभा चुनाव
लड़ेंगे। भव्य बिश्नोई ने 2019 में हिसार लोकसभा से
कांग्रेस की टिकट पर सांसद का चुनाव लड़ा था और
भाजपा के बृजेंद्र सिंह से हार गए थे। बता दें कि
आदमपुर में 3 नवंबर को उप चुनाव होना है और 6
नवंबर को मतगणना होनी है। नामांकन भरने की अंतिम
तिथि 14 अक्टूबर है, जबकि नामांकन की जांच 15
अक्टूबर को होगी। उम्मीदवारों द्वारा 17 अक्टूबर तक
नामांकन पत्र वापस लिए जा सकते हैं। आदमपुर के
विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में
शामिल होने के बाद इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद
यह सीट खाली हुई थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में
कुलदीप बिश्नोई ने कांग्रेस की टिकट पर भाजपा
उम्मीदवार सोनाली फोगाट को हराया था।
भाजपा आदमपुर उपचुनाव में पूर्व विधायक कुलदीप
बिश्नोई को प्रत्याशी बनाना चाहती थी लेकिन कुलदीप
बिश्नोई अपने बेटे भव्य को टिकट दिलाने में कामयाब
रहे। भव्य बिश्नोई का यह पहला विधानसभा चुनाव है।
इससे पहले भव्य विश्नोई ने वर्ष 2019 में कांग्रेस की
टिकट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। लोकसभा
चुनाव में भव्य तीसरे स्थान पर रहे थे और भी अपनी
जमानत तक नहीं बचा पाए थे। आदमपुर उपचुनाव में
भव्य बिश्नोई के लिए पिछले लोकसभा चुनाव के
मुकाबले परिस्थितियां काफी बदली हुई है जिनके
खिलाफ भव्य ने चुनाव लड़ा था आज वे सभी सत्ता पक्ष
में हैं। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को आम आदमी पार्टी
ने आदमपुर उपचुनाव में सतेंद्र सिंह को अपना प्रत्याशी
घोषित किया है। दूसरी तरफ कांग्रेस और इनेलो भाजपा
प्रत्याशी के घोषित होने का इंतजार कर रही है ।
वहीं आम आदमी पार्टी उप चुनाव में उम्मीदवार के लिए
सतेंद्र सिंह के नाम की घोषणा कर चुकी है। मूल रूप से
गांव न्योली खुर्द से संबंध रखने वाले सतेंद्र सिंह 2014
में आदमपुर से कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ चुके हैं।
वर्ष 2014 में प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के कुछ
समय बाद सत्येंद्र सिंह ने भाजपा ज्वाइन कर ली थी।
सतेंद्र सिंह भाजपा में कई पदों पर आसीन रहे हैं। गत 7
सितंबर को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल तथ
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के हिसार आगमन के
दौरान सतेंद्र सिंह आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे।
राजनीति में पीएचडी कहलाने वाले स्व. चौधरी
भजनलाल के गढ़ आदमपुर को 1968 से आज तक
कोई भी नहीं तोड़ पाया। वर्ष 1977 व 1987 में कांग्रेस
विरोधी लहर के बावजूद आदमपुर हलके में भजनलाल
परिवार का वर्चस्व कायम रहा। आदमपुर में वर्ष 1968
से लेकर आज तक जितने भी विधानसभा चुनाव हुए,
भजनलाल परिवार ने कभी हार का मुंह नहीं देखा। वर्ष
1967 में हरि सिंह डाबड़ा को छोड़कर आदमपुर क्षेत्र से
चौधरी भजनलाल, उनकी पत्नी जसमा देवी, पुत्र
कुलदीप बिश्नोई व पुत्रवधू रेणूका बिश्नोई विधानसभा में
प्रवेश कर चुके हैं। इतना जरूर है, समय बीतने के साथ
भजनलाल परिवार के सदस्यों का हार-जीत का अंतर
काफी कम रह गया है।
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