पहले के समय में अगर महिलाओं को घर से कहीं बाहर जाना है, तो उन्हें अपने बड़ों की आज्ञा लेनी पड़ती थी और अगर वह महिला कोई काम करना चाहती थी तो तो उन्हें साफ मना कर दिया जाता है। उन्हें कहा जाता है कि वह एक महिला है और उनका जन्म सिर्फ घरेलू कार्य करने के लिए हुआ है।
लेकिन आज की बात करें तो हरियाणा की महिलाएं अब खुद आत्मनिर्भर बन रही है lजिससे वह खुद तो पैसा कमा ही रही है, साथ ही परिवार की जरूरतों को भी पूरा कर रही हैं। ऐसे में हमारे सामने एक ऐसी हरयाणवी महिला सामने आई है जिन्होंने सभी के लिए एक मिसाल कायम की है।
जिस महिला की हम बात कर रहे हैं वह हरियाणा के करनाल जिले की है। आज के समय में महिला सशक्तिकरण के लिए हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का लाभ लेने के लिए कोई भी महिला पीछे नहीं है। जिस महिला की कहानी आज हम आपको बता रहे हैं वह करनाल के घरौड़ा खंड के अईपुरा गांव की है।
वह 12वीं पास है और उनकी उम्र की तो वह 36 साल की है। उनका नाम बरखा है। बरखा चांदनी नाम से स्वयं सहायता समूह चला रही है। साल 2017 में चांदनी ग्रुप से जुड़कर और सिया राम नाम से मसालों का ब्रांड डेवलप कर बरखा ने अपनी आमदनी सालाना करीब ढाई गुना बढ़ाई है। अगर बात करें वर्तमान की तो बरखा करीब ₹8000 महीना कमा रही है।
यह महिला सभी पढ़ी-लिखी महिलाओं के सामने मिसाल बनी है। उन्होंने बताया कि उनके मसाले गांव ही नहीं बल्कि आसपास के सभी इलाकों में काफी मशहूर हैं। इन मसालों के स्वाद से उनकी पहचान अपने आप बनती जा रही है।
जिला पार्षद के कार्यकारी अधिकारी गौरव कुमार ने कहा कि राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन 2014 में सरकार द्वारा शुरू किया गया था। जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण गरीबों के लिए एक कुशल और प्रभावी संस्थागत मंच तैयार करना है।
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