हरियाणा की बेटी ने पूरा किया अपने ड्राइवर पिता का सपना, क्रैक की UPSE परीक्षा

देश में सबसे ज्यादा कठिन परीक्षाओं की जब बात आती है तो उसमें यूपीएससी सिविल परीक्षा का नाम सबसे ऊपर आता है। आपको बता दें, इसकी तैयारी करने के लिए सभी युवा काफी मेहनत करते हैं। बता दें, युवा इस परीक्षा की तैयारी में हमेशा जुटे होते हैं। वह अप्रैल और मई के महीने में इसे क्रैक करने की पूरी ताकत झोंक देते हैं।

काफी अच्छी तैयारी करने के बाद भी कई बार युवाओं को इसमें सफलता नहीं मिलती है। ऐसे में कभी भी हमें हौसला नहीं तोड़ना चाहिए। इसी कड़ी में हम यहां आपको एक ऐसी महिला की मोटिवेशनल स्टोरी बताने वाले हैं जिसको सुनकर आप दंग रह जाएंगे।

हम बात कर रहे हैं आईएएस प्रीति हुड्डा की। इस सफर में उनके सामने कई चुनौतियां आई,  लेकिन उन्होंने अपने मजबूत इरादों और दृढ़ संकल्प से सफलता को हासिल किया।

उनके लिए यह सफर बहुत ही ज्यादा मुश्किल था। चाहे वह पैसों की तंगी हो या किसी और तरह की समस्या वह हर चीज से जुजती रही। लेकिन फिर भी उन्होंने कामयाबी हासिल की और परिवार का नाम रोशन किया।

प्रीति हुड्डा हरियाणा के बहादुरगढ़ की रहने वाली हैं। उनके पिता डीटीसी में बस ड्राइवर की नौकरी करते हैं। प्रीति ने यूपीएससी की परीक्षा में सफलता पाने के लिए बहुत जबरदस्त प्लानिंग की थी। इसके लिए सबसे पहले उन्होंने हिंदी में तैयारी करनी शुरू की। 

हिंदी में उन्होंने इलेक्टिव सब्जेक्ट के तौर पर चुना लेकिन पहली बार में वह परीक्षा को पार करने में कामयाब नहीं रहे। मगर उन्होंने अपने हौसले को बरकरार रखा और 2017 में फिर से परीक्षा दी जिसमें उन्होंने 288 वी रैंक हासिल करके परीक्षा को पार किया।

प्रीति ने कक्षा दसवीं में 77 परसेंट और 12वीं में 87 परसेंट लाए। प्रीति का बचपन से ही पढ़ाई में बहुत शौक था। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। जिसके चलते परिवार वालों ने पढ़ाई छोड़ने और शादी करने की सलाह दी। लेकिन प्रीति ने सलाह को नहीं माना। उन्होंने दिल्ली के लक्ष्मी बाई कॉलेज में हिंदी में ग्रेजुएशन किया।

इसके बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंदी में पीएचडी किया। यहीं आकर प्रीति ने  यूपीएससी के बारे में जाना। उनके पिता का भी सपना था कि बेटी आईएएस अधिकारी बने। यहीं से उन्होंने सिविल परीक्षा की तैयारी शुरू की।

प्रीति ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के लिए एक नया तरीका अपनाया। इस दौरान उन्होंने 10 घंटे तक पढ़ाई की। लेकिन इस दौरान उन्होंने खुद को भी वक्त दिया पढ़ाई के साथ साथ जीवन का भी आनंद लिया। उनका मानना है कि लंबे समय तक पढ़ाई के साथ थोड़ा सोचना समझना भी जरूरी है।

उन्होंने बताया कि ऐसी परीक्षाओं की तैयारी में सबसे महत्वपूर्ण बात रिवीजन की होती है। हमें खुद पर विश्वास बनाए रखना चाहिए और दृढ़ संकल्प के साथ अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।

Kunal Bhati

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