तनाव एक ऐसी चीज है, जिससे हर कोई परेशान रहता है। जब गाय या भैस तनाव में होते हैं तो वह दूध कम देना शुरु कर देती है। पशुओं को तनावमुक्त रखने के लिए करनाल में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान ने एक अनोखी तकनीक निकाली है, जिससे पशुओं का तनाव दूर हो जाता है। आइए जानते हैं क्या है वह तकनीक।
यह तकनीक संगीत की थेरेपी है। इस प्रयोग से पशुओं का स्वास्थ्य काफी बेहतर हुआ है और पशुओं के चारा खाने की क्षमता में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। इसका परिणाम काफी सकारात्मक देखने को मिला है। इसके चलते पशुओं के दूध उत्पादन की क्षमता में भी इजाफा हुआ है।
इस थेरेपी के दौरान दुधारू पशुओं को रोजाना बांसुरी अथवा अन्य मधुर संगीत की धुन सुनाई जाती है। शोध में पाया गया कि संगीत सुनने वाले पशुओं को ना केवल स्वास्थ्य बेहतर हुआ, बल्कि उनके दूध उत्पादन की क्षमता में भी बढ़ोतरी हुई।
वशिष्ठ वरिष्ठ पशु वैज्ञानिक डॉ आशुतोष ने बताया कि, काफी समय पहले सुना था कि गायों को संगीत एवं भजन काफी पसंद होते हैं। जब इस तकनीक को अपनाया गया तो परिणाम काफी अच्छा निकला। संगीत की तरंगे गाय के मस्तिष्क में ऑक्सीटॉस इन हारमोंस को सक्रिय करती है और गाय को दूध देने के लिए प्रेरित करती हैं।
इस प्रयोग से पशु तनाव मुक्त रहते हैं। उनका व्यवहार ठीक हो जाता है। उन्हें बहुत ज्यादा रिलैक्स फील होता है और उनके दूध देने की शक्ति एवं चारा खाने की शक्ति दोनों में बहुत इजाफा होता है। जिससे कि लोगों को बहुत फायदा होता है।
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